'हर भाषा का आभूषण है हर कृति की है अभिलाषा देवनागरी लिपि है जिसकी हिंदी है जन की भाषा' 'हर भाषा का आभूषण है हर कृति की है अभिलाषा देवनागरी लिपि है जिसकी हिंदी है जन...
जात पात और धर्म बैठे तराजू की एक ओर हैं, समझ नहीं आता दूसरी ओर बैठा कौन है। जात पात और धर्म बैठे तराजू की एक ओर हैं, समझ नहीं आता दूसरी ओर बैठा कौन है।
हिंदी हमारी शान है, हिंदी हमारी जान है, इसके बिना ना यहाँ, होता कोई काम है। हिंदी हमारी शान है, हिंदी हमारी जान है, इसके बिना ना यहाँ, होता कोई काम ह...
उम्र का सूरज अब, ढलान पर जा रहा है। लगता है कि बुढ़ापा आ रहा है। उम्र का सूरज अब, ढलान पर जा रहा है। लगता है कि बुढ़ापा आ रहा है।
कविता है तो कवि है ,कवि है तो कविता जीवन की लय समझाती है जीवन सरिता। मधुरिम मधुरिम कविता है तो कवि है ,कवि है तो कविता जीवन की लय समझाती है जीवन सरिता। म...
माँ माँ